25,000 को सरकारी नौकरी – पारदर्शिता की नई मिसाल

0

 

25,000 को सरकारी नौकरी – पारदर्शिता की नई मिसाल

 

 

मुख्यमंत्री धामी का बड़ा एलान: नकल माफिया की अब खैर नहीं

उत्तराखंड में नहीं चलेगी धांधली!

राज्य में पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया को मज़बूती देते हुए उत्तराखंड सरकार ने देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून लागू किया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पिछले 4 वर्षों में 25,000 से अधिक बेटियों को पूरी पारदर्शिता से सरकारी नौकरी दी गई है। अब कोई भी नकल माफिया परीक्षा प्रणाली को गंदा नहीं कर पाएगा।

“मेरे जीते जी, किसी गरीब के बेटे-बेटी के साथ अन्याय नहीं होगा” — मुख्यमंत्री भावुक

मुख्यमंत्री धामी ने साफ कहा —

“मेरे जीते जी कोई भी गरीब माता-पिता के बेटे-बेटियों, हमारे भाई-बहनों और युवाओं के साथ अन्याय नहीं कर पाएगा।”

“सरकार हर उस छात्र के साथ खड़ी है जो ईमानदारी से मेहनत करता है। किसी भी छात्र का अहित नहीं होने दिया जाएगा।”

उन्होंने यह भी कहा कि नकल माफिया भोले-भाले छात्रों को फंसा कर उन्हें बरगलाने का षड्यंत्र कर रहे हैं, लेकिन यह प्रयास विफल होंगे।

🔍 SIT को मिली 30 दिन की समयसीमा: छात्रों की राय से तय होगी अगली कार्रवाई

मुख्यमंत्री ने बताया कि नकल के मामलों की जांच के लिए गठित विशेष जांच टीम (SIT) को 30 दिनों की समयसीमा दी गई है। यदि छात्रों को जांच से संतोष नहीं होता और तथ्य कुछ और दर्शाते हैं, तो छात्रों की राय के अनुसार अगला निर्णय लिया जाएगा।

नकल माफिया की दाल अब उत्तराखंड में नहीं गलेगी: पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया जारी रहेगी

सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि उत्तराखंड में किसी भी कीमत पर नकल या पेपर लीक माफिया को पनपने नहीं दिया जाएगा।

“यह सरकार हर उस युवा के साथ है जो मेहनत से आगे बढ़ना चाहता है। नकल माफिया की दाल अब इस देवभूमि में नहीं गलेगी।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed